Mohabaat Ne Roolaya Mujh Ko…

फिर की सी यादा ना शब भर है जानिए मुझ को
क्या सज़ा दि है मोहब्बत ने ख़ुदाया मुझ को

दीन को आराम है ना रात को चेन कबी है
जान की किस्से से क्वेरत ने बयाया मुझ को

दूख से ये है कि जमाने मुख्य मील घिर सारी
जो मिला है वो मिलै प्रतिबंध की सपना मुझ को

जब कोई भी ऩ्हह कंधा मेर रोन को
घर की देवरो ने सेने से लगिए मुझ को

मैट पिच ई डनिया वलो मुझसे
किस कैडर मोहब्बत ने रूलया मुझ को

यूँ से उमीद-ए-वफा तू से नहीं है कोई
फिर चारों में क्या तार्ह किस ना जलाया मुझ को

बवेफा जिंदगी ना जाब चोर दया है तनहा
मुट ने पियार से पेह्लू मुख्य बिथ्या असाखी को

वो दिये हू जो मोहब्बत ने जलाया था कैशी
जी हू की न ही सर-ए-शाम बुज्या मुझ को।

Kuch Dil Ke Zajbaat

मुझ मेर wafa ka sila khoob mila hai
वो ख़ुदा गहराओ को कहीं माफ नहीं करता

यूके पे डेरे है और कभी नहीं है
दीखी है humne der भी भी और भी dono

Hamne chaman को देखचा apne जिगर लाहू से
काईटेरे हाय भी, फिर भी जिगर चेयर को मात्र

अब तक तू न कुबुल हुई कोई भी दूआ
अब मट हैंगी है कि क्या नहीं है

एक मौलता की अरज़ू मुझ कात वह उमर है
तुमने भी भिज दी भी बहना भी अब गया

कोई सर्फरोष हॉग जो तुज नज़ार मिलैये
हम तोहरे लोग हैं तेरी चौखट हैं

अभि से कू जालते हो तु छान घी क
इन्हें संभाल रखो मेरी कबर पे औरहेरा हो गया

जब भी आकाश टापू मेगा अपर हाय गरेगा
यूपर वाल से रीस्ता हाय कुछ आसा है हैमारा

Dil Ke Zakhm

कोई पुचे तो साहभी मुंजा क्या है है
भाल आँख मेरी क्यून हैम है ..

मेर संग डुखन के इश खजाणे को
उठे के भूले जने इश्ते ज़माना को ..

कोई तेह हो की संग जिस्क़ हम ..

शुरु करेन दुहराव के इश फ़साने को
एब चोद दो टुम इश दिवानी को।

दिल के जाख तो तुम ये दुनिया देखो कुकू
बच अब क्या है दीखे को

Dil Udas Hai Tere Ishqe Mein…

तू है मेरी सुभा में तू है मेरी रटोन में!
तुज और क्या कहूं तू अगर है तो मुख्य कूश हुन!
सरफ वाहम है मेरा या तेरा जादु है!
हर विक्षत मात्र कयालान में तुला चली अतीहई!
लगत है कि फोलन में सर्फ तेरी कुतुबु है!
फिर बिर दिल उदास है तेरे इश्क में ……… ..!
लम्मा लम्हे तेरे बिन ज़िंदगी अछूरी है!
तुज खीच जान है किती तू जरुरी है!
चन्द तारे देखो तुम भी नज़र अता है!
कहशा के के रस में तेरा घर भी है!
फिर बिर दिल उदास है तेरे इश्क में ……… ..!

हर फूल की बच्ची हैती है …!
चुप रेहें भी प्यार की निशाणी है …!
कुछ कोई जकात नहीं है … फिर भी कोई डर्ड का अहसास है …।!
लगत है दिल में एक तुत्ता आज भी हमें ते है … !!

फूल खिलता है बहारों का सा गरम है!
ऐईस माहम मुझे हाय ते प्यार जवान गरम है!
दिल की बैटन को हॉटन से नहीं कहता!
ये अफगान है कि निगहोन से सेक्स की वजह है!

जिंदगी जीने की कबील नाहती ..!
अगार क्वाडेन दुनिया बयाय ना हॉटी ..!
कोई माउथ की तामन्ना ना करथा ..!
अगार मोहब्बत में बेवफाई ना हॉटी .. !!

Suno acha nai lagta….

जब मुख्य सम्मानित तुम्हार् ..
तू ज़िकर करो गेरो का, अपान का ..
सूरो एक नई यात्रा …

मुंगे तू से तू नट तोड़ा ..
यूं हो नाम सा जीना ..
सूर्यो! अचा नै लीता …

यूं डोर टम से होना ..
khamoshion k बांजर मुख्य tanha rehna ..
सूर्यो! अचा नै लीता …

के मोन फियर जौ तुम मुज से ..
और मुख्य सदा जियाओन झूठ ..
सूर्यो! अचा नै लीता …

कश्मीर तुताओ मुजू एइस ..
डोर चली जाओ मुज से जेटी …
सूरो! अचारई लैग्टा …।
सूरो एक नई यात्रा …।

Main Ne Haq Muhabbat Ka Ada Kiya..

ना कब से सीगी किया
मुज़े अज्ज उक्का सिला मिला
मुहब्बत की किटब का
हर एक वारक जला दीया

डब्ल्यू ओ जो अरज़ू का चिराग था
उस्सी नफरतून ने बज्जा दीया
मुगी जाख़ फिर एक नई दीया
मूजी मुहब्बत ने कहा डाय

वो जो कहें वे खुश रहो
वो जो कहें वे मेरी जान हो तुम
हर लाम्ह हंसा करे
मुंझे आज अनुन ने रोला दीया
मेरा नाम से मीता दय !!!!

Kahan Mumkin Tha Mai Dil Se Teri Yadain Mita Deta..

कहां मुमकिन था माई दिल से तेरे दिन याद करते हैं
भला काइसे मेरी जीता फिर अगड़ तुज को बुला दिता

तेरी रुश्ई के दार से लोगान को देख लीया चेतावनी
तेरे शेर-ए-मुफ्तीफिक की माई बुनदैद हिला दिता

क्या तार्क-ए-वफा हम ने हमें हो जी कि की मेज़बरी
जिस्से बर्सन दुआ दी थी आपसे क्या बददान हो

खाबर होती अगर मुझ में नहीं है भी मुक्केदार में

Ussi lamhe माई हठोन की lakeeron को मीता deta …

Wo bewafa kaise hua.?

खात अपनी छाटन का सिलसिला काई हुआ
तू से मुझ में जजाब था मुझ से जुदा काई हुआ
वो जो सिरीफ तेरे और केवल मुझे एक बात बात थी
आओ सोचिन सेहर हमें ते आना काई हुआ
चुभ गैलिन दिखने में तूती ख्वाहिशोन की किरकियान
क्या पसंद दिल टूटनी का हथ्ससी काशी हुआ
जो रंग-ए-जान-तो किली मित्र है अब धोखेर फेयर कार
सोचत हूने कश्मीर वो बेवाफा काई हुआ …

Main Ne Haq Muhabbat Ka Ada Kiya…

ना कब से सीगी किया
मुज़े अज्ज उक्का सिला मिला
मुहब्बत की किटब का
हर एक वारक जला दीया

डब्ल्यू ओ जो अरज़ू का चिराग था
उस्सी नफरतून ने बज्जा दीया
मुगी जाख़ फिर एक नई दीया
मुंजा मुहब्बत ने क्या दिये है

वो जो कहें वे खुश रहो
वो जो कहें वे मेरी जान हो तुम
हर लाम्ह हंसा करे
मुंघरी आज अनहोन से रुल दीया
मेरा नाम से मीता दय !!!!

Kabhi Aana To Halka Sa Ishaara Dena…

कभी शाम वाली आंचल का कनरा देना,
मीन अगर दोब के उभरोँ को सहारा देना

तेरी उल्लात में मुकमल हूण हर पीहलू से,
मुझ दादर भी देना से सारा देना तक।

मेरा तुझ ग़म के समंदर में कनवारा दोन्गा,
तू मुझ हिजार की तफ़ान में बैठे थे

मुख्य तेरी ये सेहरा मुझे रिहता हूं “अस्की”
कभी कभी से हर साल देना