तू है मेरी सुभा में तू है मेरी रटोन में!
तुज और क्या कहूं तू अगर है तो मुख्य कूश हुन!
सरफ वाहम है मेरा या तेरा जादु है!
हर विक्षत मात्र कयालान में तुला चली अतीहई!
लगत है कि फोलन में सर्फ तेरी कुतुबु है!
फिर बिर दिल उदास है तेरे इश्क में ……… ..!
लम्मा लम्हे तेरे बिन ज़िंदगी अछूरी है!
तुज खीच जान है किती तू जरुरी है!
चन्द तारे देखो तुम भी नज़र अता है!
कहशा के के रस में तेरा घर भी है!
फिर बिर दिल उदास है तेरे इश्क में ……… ..!
हर फूल की बच्ची हैती है …!
चुप रेहें भी प्यार की निशाणी है …!
कुछ कोई जकात नहीं है … फिर भी कोई डर्ड का अहसास है …।!
लगत है दिल में एक तुत्ता आज भी हमें ते है … !!
फूल खिलता है बहारों का सा गरम है!
ऐईस माहम मुझे हाय ते प्यार जवान गरम है!
दिल की बैटन को हॉटन से नहीं कहता!
ये अफगान है कि निगहोन से सेक्स की वजह है!
जिंदगी जीने की कबील नाहती ..!
अगार क्वाडेन दुनिया बयाय ना हॉटी ..!
कोई माउथ की तामन्ना ना करथा ..!
अगार मोहब्बत में बेवफाई ना हॉटी .. !!