Dard -e- Dil Shayari…

Assalamualaikum। … .महल प्रथम बार अपना शर्ह भज रहीं हुन्,
उमीद है आप पास्क आये …
अगर ना पासंड आये टो बटाडेना …
दुआओं कि डार्कहास्ट ..

दाद दिल शायरी …

1) कैसे तुम्को भुल्लर जैन,
कैज़ केहेदिन अलविदा,
दिल ने दिल को भी जरने ना दीया,
तस्लेम न कर्साक खून जिगर हमारा ..
कभी दिल ने हूकु संझायला वाली होमे दीन को समझली .. **

2) वही मंजर वाही दंगल,
हम जोस दिल दर समाज बटे,
खेल रहीं थी खेल वो,
यूं तो वह बेतेहे ..

3) खेल में हमारे समाज के लिए हम,
और वफ़ाईन यूपीएस निसार कर बैत,
मकतोल भी हम माकसूद भी हू सैक ह्यू,
वो और हमी बेविक़ाकर कर बैट .. **

4) दिलमे एक आस उठी है ..,
Muhallik tasavuraat की मेहेक utthi है ..
काश तुम सब सच ना ​​गरम ..
ये फरियाद दिल से निकली है …
पन्ना मुहब्बत है आज भी ..

5) हमरी वफाओन की लश अभय है .. **
ऐश्श हैन बरता पाणि रहो अन्खिन है ..
बेजुबान दर्ड है चवत्ता ढीमेसी में धडकन मुझे ..
चहता है बेटाब हैमरी .. दीन रात मद्धम है .. *

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